सोमवार, 2 फ़रवरी 2015

            मुनव्वर राना


हम दोनों में आँखें कोई गीली नहीं करता!
ग़म वो नहीं करता है तो मैं भी नहीं करता!!

मौक़ा तो कई बार मिला है मुझे लेकिन!
मैं उससे मुलाक़ात में जल्दी नहीं करता!!

वो मुझसे बिछड़ते हुए रोया नहीं वरना!
दो चार बरस और मैं शादी नहीं करता!!

वो मुझसे बिछड़ने को भी तैयार नहीं है!
लेकिन वो बुज़ुर्गों को ख़फ़ा भी नहीं करता!! ( बुज़ुर्गों = वडिलधारे, ख़फ़ा = नाराज )